भोपाल, अपनी खबर / अमिताभ पाण्डेय
कुष्ठ रोगी हमारे समाज से अलग नहीं हैं। हमें उनके साथ सम्मान एंव सहानूभूतिपूर्वक व्यवहार करना चाहिये।यह रोग असाध्य नहीं है। इस रोग के रोगियों के साथ किसी प्रकार का सामाजिक भेदभाव नहीं होना चाहिए।  मध्यप्रदेश सरकार इस बीमारी से पीड़ित लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। ऐसे लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए नये कार्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे। सहकारिता विभाग ऐसे लोगों की सहकारी समिति बनाकर उन्हें रोजगार प्रारंभ करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध करायेगा।

कुष्ठ रोगियों को रोजगार के लिए सहकारिता विभाग के माध्यम से नये अवसर  उपलब्ध कराये जायेंगे। ऐसे रोगियों द्वारा सहकारिता विभाग के माध्यम से बनाई गई समिति में जो भी उत्पाद तैयार किये जायेंगे, उनको सहकारिता विभाग बेचनेमें भी सहयोग करेगा।किसी भी कुष्ठ रोगी को वैकल्पिक आवास की व्यवस्था किये बिना नहीं हटाया जायेगा। उनके आवास के लिए शासन की ओर से उचित कार्यवाही की जायेगी ।

उक्त आशय के विचार मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को भोपाल में सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये ।

उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगियों की सहकारी समितियां मध्यप्रदेश के विभिन्न गाँवों और शहरों में गठित की जाएँगी। इन समितियों में 21-21 लोगों को सदस्य बनाकर उन्हें 10 लाख रूपये तक की सहायता सहकारिता विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी, ताकि ऐसे लोग अपना स्वयं का रोजगार प्रारंभ कर सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। श्री सारंग ने कहा कि इस बीमारी के पीड़ित लोगों के लिए शासन की ओर से आवास बनाकर दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। ऐसे लोगों को प्रदेश की विभिन्न कल्याण योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से आये कुष्ठ रोगियों कोसम्बोधित करते हुए सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक विनीता शंकर ने कहा कि इस बीमारी के पीड़ित लोगों के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं,  जिनसे पीड़ित लोगों की जिदंगी में सुखद बदलाव आया है और उनके आत्म विश्वास में बढ़ोतरी हुई है।

कार्यक्रम के दौरान भोपाल की समाजसेवी संस्था प्रियांशी एजुकेशन सोसाइटी की प्रमुख डॉ शालिनी सक्सेना ने भी विचार व्यक्त किये ।

 कार्यक्रम में कुष्ठ रोगियों की समस्याओं के बारे में इन्दौर से आये
सारंग गायधनी ने विस्तार से बताया और उनका समाधान किये जाने की मांग को लेकर एक मांग पत्र राज्य मंत्री विश्वास सारंग को सौंपा । राज्यमंत्री ने सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में लगभग 965 कुष्ठ रोगी हैं । इनमें से ज्यादातर समाज की उपेक्षा और भेदभाव के कारण अलग रहकर अपना जीवन बिता रहे हैं।इन्हें शासन की ओर से आवास,पेंशन , राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र सहित अन्य योजना का लाभ पूरी तरह नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के विभिन्न गाँवों और शहरों में रहने वाले इस बीमारी के पीड़ित समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।

यहाँ यह बताना जरूरी होगा कि कुष्ठ रोगियों की समस्याओं के समाधान के मकसद से यह कार्यक्रम सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया। इस बारे में फाउंडेशन की मीडिया अधिकारी तहसीन जैदी ने न्यूज वेबसाइट  "अपनी खबर" को बताया कि इस संस्था का लक्ष्य कुष्ठ की बीमारी के खिलाफ समाज में फैली गलत धारणाओं को खत्म करना और वैज्ञानिक जानकारी का प्रसार कर बीमारी से पीड़ित लोगों की सामाजिक स्वीकार्यता को बढ़ाना है। यह फाउंडेशन  इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए उपचार में सहयोग के साथ ही सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृृतिक अवसरों को बढ़ाने में भी सहयोग करता है। ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इस फाउंडेशन के अध्यक्ष के तरुण दास हैं, जो कि सीआईआई के पूर्व निदेशक रह चुके हैं।

(अनाम आलेख सेवा)

Source : अपनी खबर / अमिताभ पाण्डेय